Wednesday, October 14, 2009

India's new missile is able to attack China's Harbin



India's Advanced Systems Laboratory (ASL) has made its forthcoming Agni-5 missile highly road-mobile, or easily transportable by road, which would bring Harbin, China's northernmost city within striking range if the Agni-5 is moved to northeast India.

The Agni-5 is similar to the Dongfeng-31A presented in China's National Day Military Parade in Beijing . India is going to test-fire the missile in early 2011.

The ASL, which develops India's long-range, nuclear-tipped missiles, enables the Agni-5 to reach targets far beyond its stated 5,000-km range by quickly moving closer to the target. Therefore, from various places across India, the Agni-5 can reach every continent except North and South America.


By People's Daily Online

अग्नि-5 की चिंता से दुबला हुआ चीन



नई दिल्ली, [जेएनएन ]। अरुणाचल प्रदेश से लेकर दलाईलामा तक के मामले में भारत के लिए सिरदर्द बन रहा ड्रैगन यानी चीन अब इस चिंता में दुबला हो रहा है कि हम उसके हर कोने तक में मार करने वाली मिसाइलें विकसित कर रहे हैं। देश की मारक क्षमता में कई गुना इजाफा करने वाली बहुप्रतीक्षित अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण 2011 के शुरुआती महीनों में किया जाएगा लेकिन चीन अभी से इस भारतीय ब्राह्रास्त्र से भयाक्रांत है। अग्नि पांच की आंच से पैदा हुई चिंता की लकीरें उसके ललाट पर स्पष्ट देखी जा सकती है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र 'पीपुल्स डेली' ने इस आशय की खबर प्रकाशित की है।

बुधवार को पीपुल्स डेली में 'भारत की नई मिसाइल चीन के हरबिन तक हमले में सक्षम' शीर्षक से प्रकाशित खबर में चीन की चिंता साफ झलक रही है। अखबार के अनुसार आसानी से सड़क माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सक्षम इस मिसाइल को भारत के उत्तरीपूर्वी इलाके से छोड़ने पर चीन के सबसे उत्तरी छोर हरबिन को भी तबाह किया जा सकता है। अखबार ने भारतीय गांडीव में शामिल होने जा रहे इस अचूक ब्रह्रमास्त्र के बारे में लिखा है कि यह चीन के राष्ट्रीय दिवस पर परेड में शामिल की गई मिसाइल डोंगफेंग-31ए के टक्कर की मिसाइल है।

एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी हैदराबाद द्वारा विकसित की जा रही लंबी दूरी की अग्नि-5 मिसाइल अपनी कई खूबियों के चलते अनोखी है। इस मिसाइल को आसानी से सड़क के रास्ते ले जाकर देश के किसी भी इलाके में तैनात किया जा सकता है। इस खूबी के चलते पूर्व निर्धारित पांच हजार किमी की इसकी मारक क्षमता बढ़कर सात हजार तक पहुंच जाती है। इसको आसानी से इस तरह समझा जा सकता है। स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम को बंगलोर से निशाना नहीं बनाया जा सकता क्योंकि बंगलोर से वहां की दूरी सात हजार किमी है लेकिन जब अग्नि-5 मिसाइल को अमृतसर से दागा जाएगा तो स्वीडन की राजधानी को भी निशाना बनाया जा सकेगा। देश के विभिन्न भागों में इसको तैनात करके कमोबेश पूरी दुनिया अग्नि पांच की जद में हो जाएगी। केवल उत्तरी और दक्षिण अमेरिका को छोड़ दें तो अब वह दिन दूर नहीं जब दुनिया का हर कोना हमारी अग्नि-5 के निशाने पर होगा।

अग्नि-5 मिसाइल: एक नजर

श्रेणी-अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम)

इंजन: तीन चरणों वाला ठोस ईंधन

मारक क्षमता- 5000 किमी

प्रक्षेपण- 2011 के शुरुआत में

खूबी:

-दुनिया का कोना-कोना निशाने पर (उ.और द.अमेरिका छोड़कर)

-आसानी से सड़क द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनाती

-देश की पहली कैनिस्टर्ड मिसाइल

-3 से 10 परमाणु अस्त्रों को ले जाने की क्षमता

- प्रत्येक अस्त्र से अलग-अलग निशाने तय किए जा सकने की खूबी

-एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम भेदने की क्षमता


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1 comment:

  1. चीन जिस दिन भारत को हाथ लगाएगा, उसके तीन टुकड़े हो जाएंगे। भारत में दुनिया के सभी दानवों का कब्रिस्तान है। इतिहास गवाह है, दानवी शक्तियां यहां हमेशा परास्त हुई हैं। भारत से अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि अलग हुए, मगर आज वे सभी टूट रहे हैं।
    - (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन जी मधुकर राव भागवत)

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